Brahma Kumari Sister Shivani Quotes in Hindi-1-“जो सदा प्रसन्न रहता है उसके अन्दर आलस्य नहीं हो सकता.आलस्य सबसे बड़ा दुर्गुण है”
2- “व्यर्थ कार्य जीवन को थका देता है,रचनात्मक कार्य सुख और तेजस्विता बढ़ा देता है”
3-‘जो सदा संतुष्ट है,वही सदा हर्षित एवम् आकर्षणमूर्त है”
4-“दूसरो को गुड़ो के आधार पर आगे रखना भी अपने को बढ़ाना है”
5-“स्वाभाव को सरल बनावो तो समय व्यर्थ नही जायगा”
6-“दूसरों के दोष न देखो,अपने अन्दर के दोष देखो तो निर्दोष बन जायेगे"
7-“संसार में भयंकर तूफान आंधी के समय एक भगवान् ही श्रेष्ट रक्षक है”
8-“चिंता छोड़ प्रभु चिंतन करो”
9-“ईश्वर की स्मृति से ही हम सदगति प्राप्त कर सकते है”
10-“अब भगवान् से फरियाद करने के बजाए उसे याद करो”
11-“आत्मा का परमात्मा से मिलन ही सर्वश्रेस्थ मिलन है”
12-“कल्याण भावना रखने से दृष्टि और व्रत्ति दोनों बदल जाती है”
13-“दुसरों के अवगुण न देखना ही सबसे बड़ा त्याग है”
14-“जीवन का सच्चा विश्राम आत्म अनुभूति में है”
15-“विपत्तियों को सहने का बल केवलईश्वर की याद से ही मिलता है”
16-“मुश्किलों को प्रभु के हवाले कर दो तो हर मुश्किल आसान हो जाती हा”
17-“अपनी गलती दूसरों पर लगाना यह भी पर चिंतन है”
18-“ब्रह्मचर्य ही परमात्मा के समीप जाने का साधन है”
19-“काम महा शत्रु है,इस पर जीत पाने से जगतजीत बनेगे”
20-“किसी पर कुद्रस्टी रखना भी महा पाप है”
21-“सम्पूर्ण ब्रहचर्य ही सम्पूर्ण अहिंसा है”
22-“सम्पूर्ण अहिंसा अर्थात संकल्प द्वारा भी किसी को दुःख नही देना हा”
23-“देश और समाज की हल है पवित्रता”
24-आपस में एक दो की विशेषताओं का वर्णन करो कमिओ का नहीं”
25-सुनने सुनाने में भावनाऔर भाव को बदल देना भी वायु मंडल खराब करता है”
Best Brahma Kumari Sister Shivani Quotes in Hindi
26-“ध्यान रहे ऐसा कोई कर्म न हो जो कुल का दीपक बुझ जाए”
27-“अपनी सूक्ष्म कमजोरियो का चिंतन कर के उन्हें मिटा देना –स्व चिंतन है”
28-“ईश्वर से बुद्दि की लगन लगाना ही ईश्वर का सहारा लेना हा”
29-“सच्ची सेवा वह है जिसमे की दुआओं के साथ ख़ुशी की अनुभूति हो”
30-“कथनी और करनी में समरूपता रखना ही महान आत्मा का लकचन हा”
31-“मोह्जीत अपनी देह से भी नष्टोमोहा होते है”
32-“सत्य के सूर्य को कभी असत्य के बादल ढक नही सकते”
33-“सत्य को सांसारिक आतंक डरा नहीं सकता”
34-“इच्छाए रखने वाला कभी अच्छा कर्म नहीं करसकता”
35-“जैसा लक्ष्य रखेगे वैसे लक्षण स्वतः आयेंगे”
36-“आशीर्वाद प्राप्त करना है तो पुण्यात्मा बनो”
37-“गुण चोर बनो तो सब अवगुण रुपी चोर भाग जायेगे”
38-“जीते जी मरना सीख लो तो मृत्यु के भय से छुट जायेगे”
39-“स्वयं को ट्रस्टी समझकर तो हल्केपन पण का अनुभव होगा”
40-“सत्य कर्म”युद्ध-छेत्र में जीतने का पहला साधन है”
41-“यह संसार हार-जीत का खेल है,इसे नाटक समझ कर खेलो”
42-“स्वाभाव को सरल बनाओ तो समय ब्यर्थ नहीं जाएगा”
43 -“कर्म इन्द्रियों पर राज्य करने वाला ही सच्चा राजा है”
44-“दिब्य गुण ही मानव का सच्चा श्रंगार है”
45-“जो सदा संतुष्ट है,वही सदा हर्षित एवम आकर्क्षण मूर्त है”
46-“एकाग्रता से ही सम्पूर्ण आनंद प्राप्त होता है”
47-“दुखों से भरी इस दुनिया में वास्तविक सम्पति धन नहीं,संतुस्टता है”
48-“धन का दान करना अच्छा है परन्तु पवित्र,दानशील बनना और भी अच्छा है.अपनी शक्तिओ व् गुणों का प्रयोग दूसरों की उन्नति हेतु कीजिये”
49-अपनी उन्नति का प्रयत्न करते रहिये.स्वम को पतन की ओर मत ले
जाईये,क्योकि व्यक्ति स्वम ही अपना मित्र हैऔर स्वम भी अपना शत्रु है”
50-“विशेषताओं व् गुणदाता की देंन हैं ,दाता को देखो,व्यक्ति को नही”
51-“गंभीरता का गुण धारण कर लो तो व्यर्थ टकराव से बच जायेगे”
52-"खुद पर विश्वाश और भगवान पर असथा हो तो रास्ता भगवान दिखा ही देता है."
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